ग़ज़ल
🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 ======================================= [८९] अपने हक के पहरे पर तो, लाठी डंडे भाले हैं कितने बच्चे भूखे नंगे उसने हाथी पाले हैं। अंतर हो उन्नीस बीस का तब तो थोड़ा सब्र करें सोन...