गोलू की बातें

//गोलू की बातें//

गोलू अभी दस साल का है और अपने माँ बाप के साथ सऊदी अरब में रहता है। जो जन्म के बाद दूसरी बार अपने गांव आया है। उसी से मिलने के लिए उसके चाचू यानी कुलदीप... जो कि भारतीय सेना में हैं, छुट्टियां लेकर आये हुए हैं।
पर अचानक एक तार के आ जाने से सब गड़बड़ हो गई है। कारगिल का युद्ध शुरूं हो चुका है और सभी जवानों की छुट्टियां रद्द कर दी गईं हैं।

"आ गोलू बैठ तेरी सऊदिया की कहानियाँ सुनते रहने का बहुत मन था पर क्या करूँ मेरा बुलावा आया गया।" अपना सामान बांधते हुए कुलदीप अपने भतीजे से बात भी करता जा रहा है।

"अच्छा सुन... तेरी वो दोस्त रेहाना से बात हुई कि नहीं...? जिसके बारे में तू अक्सर बताता रहता है।"

"बात तो होती ही रहती है चाचू... आखिर वो ही तो मेरी बेस्ट फ्रेंड है। और आपको पता है चाचू उसके चचा जान भी आर्मी हैं। वो तो छुट्टियों में वहाँ आते रहते हैं। बस आप ही हैं जो नहीं आते....।"

"क्या करते बेटा यहाँ माँ बाबू जी को भी देखना है... कैसे आता?" कुलदीप का मन अधीर हो रहा था। इसी कारण उसके मुंह से निकलने वाले अल्फाज भी भारी हो रहे थे। उसके चेहरे की मुस्कुराहटों में एक विशेष प्रकार की गंभीरता ने घर कर लिया था।

"और आपको पता है चाचू..." गोलू ने कमरे में पसरे सन्नाटे को तोड़ते हुए कहा--  "रेहाना के चाचू जब भी छुट्टियां लेकर आते हैं तो उनके साथ हम लोग खूब घूमते हैं। मौज मस्ती करते हैं। वो रेहाना को पीठ पर बिठाते और मुझे कंधे पर .. उसके बाद हम रोज कहीं न कहीं घूमने जाते हैं।  मम्मी को मत बताना बोलकर वो हमें खूब सारी चीजें खिलाते हैं। पर वापस आकर मैं तो सब मम्मी को बता देता हूँ। उसके बाद मम्मी न... उनसे लड़ने भी जातीं हैं...।"

"और पता है चाचू मम्मी उन्हें खूब गालियां देतीं हैं तो वो बस हंसते रहते हैं।"

"ठीक है बेटा अगली छुट्टियों में मैं भी वहां आऊंगा फिर हम लोग भी घूमने चलेंगे... तुम रेहाना को भी ले चलना हम वहाँ घूमेंगे भी और तुम्हारी बची हुई कहानियां भी सुन लेंगे।"

"लेकिन चाचू आपकी छुट्टियां अचानक से क्यों खत्म हो गईं। आप तो कह रहे थे कि जब तक तुम लोग रहोगे तब तक रहूंगा।"

"ये तुम नहीं समझोगे बेटा"

"क्यों नहीं समझूंगा पाकिस्तान के साथ लड़ाई लग गई है मुझे नहीं पता है क्या?"

"जब पता ही है तो क्यो पूँछ रहे हो बेटा...?"

"मुझे डर लग रहा है चाचू"

"लड़ाई पर मैं जा रहा हूँ और डर तू क्यों रहा है"

"अरे डर कौन रहा है ...? वो क्या है न चाचू..... मेरी दोस्त रेहाना जो है न वो पाकिस्तानी है। तो क्या उसके चाचा भी जो आर्मी हैं वो भी आपसे लड़ने आएंगे।"

"अरे बेटा ...आर्मी में हैं तो जरूर आएंगे।"

"पर एक बात कहूँ चाचू ....? आप न रेहाना के चचा जान को मत मारना वो बहुत अच्छे आदमी हैं।"

"और मैं  रेहाना को भी बताऊंगा कि वो अपने चचा जान को कहे कि वो आपको न मारें .. क्योंकि आप मेरे चाचू हो........।"
#चित्रगुप्त

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