विकास यात्रा
विकास यात्रा *********** भाइयों और भेनों, विकास जो कि 2014 में ही अपने यहाँ आने के लिए निकला था। वह गाड़ी छूट जाने के कारण अभी तक नहीं पहुँचा है। मैं कहता हूँ कि अगर उसे गाड़ी मिल भी जाती तब भी उसने कौन सा समय पर पहुंचना था? देश के अलग -अलग प्रदेशों से निकलने वाली राजधानी गाड़ियां ही जब अपने नियत समय पर नहीं पहुंचतीं हैं तो भला विकास क्या खाक समय पर पहुंचता? हाँ हवाई जहाज से आ जाता तो अलग बात है। लेकिन उसमें भी तो रुट डायवर्ट होने की पूरी संभावना बनी रहती है। कभी-कभी टायर भी फिसल जाता है, तो कभी अपने आप ही टिकट कैंसिल भी हो जाता है। लेकिन फिर भी मुझे पूरा भरोसा है कि विकास ने हवाई जहाज का टिकट नहीं ही कटाया होगा। क्योंकि सरकारी नियमावली के हिसाब से उसे साधारण यात्री किराया ही लागू है। इसलिए क्लेम होने की संभावना नगण्य होने की वजह से आखिर विकास बाबू ने अपनी जेब पर फालतू का बोझ नहीं डाला होगा ऐसा मुझे पूरा भरोसा है। यहाँ गाड़ियों की इस देरी का सारा दोष मैं उन अंग्रेजों को देना चाहूंगा। जो रेलवे को भारत लेकर आये। न वे गाड़ियों को भारत लाते न ये लेट होतीं। कितना अच्छा होता अगर गाड़ियां ही न होती