हे ठग तेरे कितने रूप
हे ठग तेरे कितने रूप ****************** घटना हाल फिलहाल की ही है जिसकी जानकारी मुझे कल मिली... निशा ने फेसबुक पर दिख रहे किसी एड को देखकर सूट आर्डर किया था पर उसे डिलीवरी में साड़ी मिली वो भी बिल्कुल पुरानी। थोड़ी देर इधर उधर करने के बाद उसने साड़ी के साथ आये बिल को देखा तो उसमें कंपनी का फोन नंबर लिखा हुआ था। उसने काल किया। काल रिसीव हुआ और उधर से सामान की गलत डिलीवरी के लिए खेद भी प्रकट किया गया। कंप्लेंट लिखकर फॉरवर्ड करने के लिए ऑपरेटर द्वारा उससे मोबाइल पर आई ओ टी पी मांगी गई जो उसने सहज ही दे दिया। ओ टी पी मिलते ही फोन कट गया। उसके बाद उसके नंबर पर दो तीन रिपीट मैसेज आये जो कि पैसे कटने के थे। मिनटों में ही खाते की जमा राशि साफ हो गई। ऑन लाइन ठगों का शायद ये नया ट्रेंड है, कि गलत सामान की डिलिबरी पर उपभोक्ता का फोन तो आएगा ही? और ऐसे में कंप्लेंट लिखने के नाम पर कोई ओ टी पी देने में भी ज्यादा दिमाग नहीं लगाएगा। तो सावधान रहें! ओ टी पी और को तो छोड़ो अपने बाप को भी न बताएं। चित्रगुप्त