मजदूर मरा है
मजदूर मरा है...
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बारात विदाई की सारी तैयारियां हो चुकी थी। हॉल के बाहर कारें पंक्ति बद्ध खड़ी थीं। गाने बजाने के सारे इंस्ट्रूमेंट अब तक बंद हो चुके थे। प्रोग्राम ऑर्गनाइजर काम को जल्दी निपटाने के चक्कर में मेहमानों के पीछे पीछे घूम रहे थे, कि अचानक चिल्लाने की आवाजें आने लगीं। अगले ही पल इस बात का भी खुलासा हो गया कि किसी को करंट लग गया है। सब अपने अपने अजीजों की टोह लेने लगे। मंटू कहाँ है मंटू? अच्छा अच्छा वो वहाँ है। किसी ने आवाज लगाया ऋषि..! अच्छा वो भी सुरक्षित है।
शादी का खुशनुमा माहौल देखते ही देखते अफरातफरी में बदल गया युवक इधर से उधर दौड़ने लगे, बिजुर्गवार अपनों को आवाज लगाने लगे महिलाएं रोने चिल्लाने लगीं..
भागमभाग के इस माहौल में मैनेजर आकर सूचना दी कि परेशानी की कोई बात नहीं है। 'मजदूर था!'
'अच्छा मजदूर था!'
'अच्छा अच्छा मजदूर था!'
'अच्छा अच्छा बिजली का काम करने वाला था मर गया बेचारा...'
'चलो चलो अपना काम करो मजदूर था!'
'अच्छा अच्छा मजदूर था।'
#चित्रगुप्त
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