सीनियर/जूनियर

सीनियर/जूनियर
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नवलेखक ने बहुत डरते हुए वरिष्ठ लेखक के घर की कॉल बेल बजाई थी लेकिन वरिष्ठ के अपनेपन और सहृदयता ने पहली मुलाकात में ही उसका मन जीत लिया। उसके बाद लंबी वार्ता हुई। 

पर्यावरण से लेकर दहेज तक लगभग हर सामाजिक सरोकार के विषय उनकी वार्ता का केंद्र रहे... वरिष्ठ ने बताया कि नवलेखकों का कम अध्ययनशील होना आज के इस छिछले साहित्यिक दौर का प्रमुख कारक है।

लगभग दो घंटे तक चली मुलाकात के बाद नवलेखक ने अपनी हालिया प्रकाशित पुस्तक उन्हें भेंट की दोनों ने साथ में सेल्फी लिया उसके बाद बैठक का समापन हुआ। 

स्टेशन पर पहुचने के बाद नवलेखक को याद आया कि वह अपना 'टेबलेट' तो वहीं भूल आया है। जिसे लेने के लिए उसे वापस उनके घर जाना पड़ा। 

टेबलेट लेकर जब वह लौट रहा था तो उसने देखा कि सामने कूड़े वाला ठेला लेकर जा रहा था। कूड़े के ढेर में सबसे ऊपर उसी की किताब अस्त व्यस्त अवस्था में पड़ी थी। 

नवलेखक को वरिष्ठ की बताई हुई कम अध्ययन वाली बात का मतलब अब समझ आया था। 

#चित्रगुप्त


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