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Showing posts from March, 2019

समय

//समय// "नाऊ ठाकुर राम-राम"... आगंतुक ने अपनी छड़ी ठुड्डीयों पर टिकाकर पड़ी बेंच पर बैठते हुए अपने आने का संकेत दिया... राम- राम साब जी! जमुना ने बाल काटते हुए ही प्रत्युत्तर किया। 'ये तो ...

चोरी

//चोरी// दुकानदार का एक हाथ पड़ते ही "चंदू" जमीन पर  गिर पड़ा... और हाथ से ब्रेड की थैली छिटककर बीच सड़क पर जा गिरी थी। "चोरी करता है, हरामजादे...." दुकानदार हाथों और लातों से एक-वसनी  चंदू  ...

फर्स्ट लाइट

//फर्स्ट लाइट// पपीहे ने फिर से बोलना शुरूं कर दिया था। हवाओं की सुरसुराहट उसके कानों में विष घोलते हुए चादर को कोने  से उड़ाकर आधे बिस्तर तक ले आई थी। मुनकी ने करवट बदलते हुए अप...

फर्स्ट लाइट

कभी रोटियों की चिंता कभी कपड़ों की फिक्र तो कहीं मकान की आपाधापी फिर भी तुम्हारी जिद और मेरी मजबूरियों के बीच सिर्फ मेरी तरेरी हुई आंखें ही नुमाया हुई हजार बार टूटकर भी अकड़...

दम्भ

//सबसे इम्पोर्टेन्ट बात..// पीछे कुछ आहट सी हुई तो जवान ने होंठों पर उंगली रखते हुए उसे खामोश रहने का इशारा किया और गिद्ध दृष्टि टारगेट पर जमाये हुए उसके नजदीक आने की प्रतीक्षा में दरख़्त की आड़ लिए चुपचाप पड़ा रहा.... दुश्मन के कारगर रेंज में आते ही जवान ने फायर खोल दिया, और देखते ही देखते दर्जन भर से अधिक दुश्मनों की लाशें लंबायमान हो गईं। पूरी पल्टन में जश्न का माहौल था। सिपाही तो अपनी कामयाबी पर फूला ही नहीं समा रहा था कि एक ओहदेदार ने उसे आकर ये फरमान सुनाया कि समादेशक महोदय ने उसे बुलाया है। शाबाशी पाने की उम्मीद में जवान भी फौरन उनके दफ्तर में हाजिर हो गया.... "अबे तू है कौन..?" उसे देखते ही समादेशक का पारा सातवें आसमान पर था। मैं कुछ समझा नहीं साब... जवान ने सकुचाते हुए सवाल किया। अबे तूने कितने मारे कितने गिराए उसकी ऐसी की तैसी पहले तो तू ये बता कि जब मैं तेरे पीछे तक आया उस समय तूने मुझे 'जयहिंद' क्यों नहीं बोला...? समादेशक गुस्से में लाल हो रहे थे। अरे सर वहाँ आपको विष करने से ज्यादा जरूरी उन दुश्मनों पर नजर रखना था। वरना अगर उन्हें हमारे होने...