चोरी
//चोरी//
दुकानदार का एक हाथ पड़ते ही "चंदू" जमीन पर गिर पड़ा... और हाथ से ब्रेड की थैली छिटककर बीच सड़क पर जा गिरी थी।
"चोरी करता है, हरामजादे...." दुकानदार हाथों और लातों से एक-वसनी चंदू की सेवा में तन्मय गालियों पर गालियां दिए जा रहा था।
"गलती हो गई बाऊ जी... गलती!" धूलधूसरित चंदू हाथ जोड़े बार -बार दुकानदार से उसे छोड़ देने की विनती कर रहा था।
तमाशाइयों की भीड़ जमा हो गई थी। जिनकी उपस्थिति में दुकानदार और अतिरिक्त जोश के साथ उसे नोच घसोट रहा था।
सड़क पर पड़े ब्रेड के ऊपर से साइकिल रिक्शों के गुजर जाने के कारण उसका चूरमा बन गया था। पर प्लास्टिक की थैली में पैक होने के कारण उसका आयतन अब तक प्लास्टिक के आकार तक ही सीमित था।
एक कुत्ता आया और ब्रेड की थैली को उठाकर चल दिया। अब तक चंदू के ऊपर दुकानदार की पकड़ भी ढीली हो चुकी थी। छूटते ही, वह बिजली की फुर्ती से भागा और कुत्ते के मुंह से ब्रेड की थैली को छीनते हुए सामने की गली में गुम हो गया।
भीड़ अब भी तमाशा ही देख रही थी।
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