बाल कविता
बच्चों पहले आसमान होता था बिल्कुल नीचे।
बुढ़िया एक लगाती थी झाड़ू आंखों को मीचे।
उस बुढ़िया के कूबड़ से फिर आसमान टकराया
इस घटना पर उस बुढ़िया को भारी गुस्सा आया।
बुढ़िया ने तब झाड़ू लेकर आसमान को मारा
बोली ऐसी गलती करना बिल्कुल नहीं दुबारा।
आसमान सब चाँद सितारे लेकर ऊपर भागा
सबको ले जाकर बुढ़िया से बहुत दूर में टांगा
हँसकर मिलना सबसे चाहे जो भी हो मजबूरी
गुस्सा करने से बढ़ जाती है आपस की दूरी।
#चित्रगुप्त
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