जमूरा
"उस्ताद ...! अच्छे दिनों के बारे में तुम्हारी क्या राय है?"
"अमा यार जमूरे! अगर अपनी हर शाम रंगीन और हर रात हसीन हो ही रही है तो फिर अच्छे दिनों की ऐसी तैसी मारना है क्या?"
"तभी तो मैं कहता हूँ उस्ताद! कि इस देश को तुम्हारे जैसे नागरिकों की नहीं किम जॉन उन जैसे तानाशाह की जरूरत है।''
#चित्रगुप्त
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