ग़ज़ल

आग ही सबने लगानी है यहाँ।
बात अपनी ही मनानी है यहाँ।

कौन किसका दर्द आया बांटने
फॉर्मेलिटी ही निभानी है यहाँ।

क्या मिले जो और ठूँसें जेब में
हर किसी की ही कहानी है यहाँ।

काम करना जब पड़े नानी मरें
बात तो सबने बनानी है यहाँ।

आपने चुनकर बिठाया है इन्हें
और किसकी हुक्मरानी है यहाँ।

चाहते हो गुल मोहब्बत के खिलें
नफरतों की बागबानी है यहाँ।

जिंदगी इक खेल है बस खेलिये
ना कोई राजा न रानी है यहाँ

रात भर हिज्जे मिलाया बैठकर
शायरी में तब रवानी है यहाँ।
#चित्रगुप्त 

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